ईसाई दयानंदियो
#मूलशंकर_और_शैतानी_मण्डली◆◆◆
वैश्विक शैतानी शक्तियों को भारत में शैतानी मण्डली के लिए मोहरे की तलाश थी.आस्तिकता से हताश निराश दयानंद नामक मोहरा उन्हें मिल ही गया.
दयानन्द को इस शैतानी मण्डली का पिट्ठू बनाया गया. अब दयानंद एक FREEMASON था.
‘MASONIC शैतान’ माने जाने वाले हेनरी स्टील ओल्काट और मैडम हेलेना ब्लाव्स्की ने 1875 में दयानंद और अपने कई प्लांटेड चेले चपाटों के साथ मिलकर ‘आर्य समाज’ की स्थापना की, आर्य समाज की स्थापना भारत के किसी धार्मिक केंद्रों के बजाय मुंबई में हुयी, जो कि FREEMASONS का केंद्र भी हुआ करता था
ज्यादातर लोग जानते होंगे 1870 के दशक में मुंबई से थोड़ी दूर पर स्थित ‘कार्ला की रहस्यमय गुफायें’ जिसे आजकल ‘KARLA CAVES’ कहा जाता है, तांत्रिक शैतानों का अड्डा हुआ करती थीं, कार्ला गुफाओं के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह तंत्र मंत्र और सिद्धियों के लिए बेहतरीन जगह है जहाँ ऐसे कार्य जल्दी सिद्ध होते हैं,कार्ला गुफाओं में MASONS ने ऐसे कई ‘टेलिपैथी मास्टर्स’ INSTALL किये गये थे जिनके जरिये भारत के कई राजाओं और जानी मानी टॉप की हस्तियों को कंट्रोल किया गया था (सबूत के लिए कपूरथला रियासत के दीवान जरमनी दास की राजों महाराजाओं की ‘प्राइवेट लाईफ’ के बारे में लिखी गयी किताबें देख सकते हैं जिसमें उन्होंने विदेशियों के साथ मिलकर किये जाने वाली राजाओं के तांत्रिक कार्यों के बारे में बताया है)
इसी गुफा से दयानन्द का संबंध था.दयानंद के अलावा आर्य समाज के अन्य जो FREEMSONS से जुड़े टॉप नेता थे वह थे हरिचंद चिंतामन, मूलजी ठाकर्शी और अन्ना मोरेश्वर कुंटे, आर्य समाज का FREEMASON CONNECTION मुंबई की ‘FREEMASON GRANDE LODGE’ में आज भी इसके सबूत देखे जा सकते हैं
दयानन्द ने FREEMASON या #थियोसोफिकल_सोसायटी के साथ मिलकर ही #थियोसोफिकल_सोसायटी_ऑफ_आर्यसमाज की स्थापना की थी.दरअसल मुंबई में आर्य समाज की शुरुआती फंडिंग नास्तिक‘ब्रिटिशों एवं ‘बैंकर्स माफिया ROTHSCHILD’ ने ही कराई थी, ऐसे कामों के लिए ही ROTHSCHILD के BLOOD RELATIVE ‘SASSOON FAMILY’ वाले मुंबई में बने हुए थे जो अंग्रेजों के जाने के बाद ही भारत से गये.
फंडिंग संबंधी विषय पर दयानन्द से अनबन होने के बाद
हेनरी स्टील ओल्काट ने THEOSOPHICAL SOCIETY के मुखपत्र ‘THE THEOSOPHIST’ में दयानंद के खिलाफ एक तगड़ा लेख लिखा जिसमें ओल्काट ने दयानंद पर ही कई आरोप मढ़ा.ओल्काट ने दयानंद को लालची और मक्कार बताया.
THE THEOSOPHIST’ यह ‘मुखपत्र’ FREEMASON द्वारा ही संचालित था, जिसकी मुख्य संपादक ‘TOP MASONIC शैतान’ मैडम हेलेना ब्लाव्स्की खुद थीं, मैडम ब्लाव्स्की ‘THE THEOSOPHIST’ भारत में छापती थीं और अमेरिका ब्रिटेन में यही ‘लूसिफर मैगजीन’ (LUCIFER MAGAZINE) नाम से छापा जाता था, अब ‘लूसिफर’ नामक शैतान कौन था ये आप सब अच्छे से जानते हैं.आजकल यह.शैतानी मण्डली लोगों को धर्म च्युत करके नास्तिक बना रही है.#इल्युमिनाटी से मिलकर धर्म के खिलाफ काम कर रही है. योरोप में इस संस्था ने इल्युमिनाटी चर्च स्थापित किया है जहाँ प्रेत सिद्धि, तंत्र सिद्धि और इब्लीस की पूजा की जाती है.
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