पाखंडी दया
😂😂😂😂
एक बालक जिद पर अड़ गया
बोला की "मिर्ची" खाऊंगा.
घरवालों ने बहुत समझाया
पर नहीं माना !!
हार कर उसके गुरु जी को बुलाया गया।
वे जिद तुड़वाने में महारथी थे...
गुरु के आदेश पर "मिर्ची" मंगवाई गई.
उसे प्लेट में परोस बालक के सामने रखकर गुरु बोले,
ले ! अब खा.
बालक मचल गया.. बोला-
"तली हुई खाऊंगा.."
गुरु ने "मिर्ची" तलवाई और दहाड़े, "ले अब चुपचाप खा.."
बालक फिर गुलाटी मार गया
और बोला, आधी खाऊंगा...
"मिर्ची" के दो टुकड़े किये गये..
अब बालक गुरुजी से बोला,
पहले आप खाओ..तभी मैं खाऊंगा
गुरु ने आंख नाक भींच किसी तरह आधी "मिर्ची" निगली.
गुरु के "मिर्ची" निगलते ही
बालक दहाड़ मार कर रोने लगा
की आप तो वो टुकड़ा खा गये
जो मुझे खाना था..
गुरु ने धोती सम्भाली और
वहां से भाग निकले,
करना-धरना कुछ नहीं,
नौटंकी दुनिया भर की.
वो ही बालक बड़ा होकर
*"पाखंडी दयानद"*
के नाम से मशहुर हुआ, और अब जिद्द पकड़ रखी है
*.उसके नियोगी चेलो ने उस बालक को महर्षि घोसित करने की..*
😂😂😂😂😂😂
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