फादरी
जो पादरी (Priest) दिन भर लोगों को आशिर्वाद मे "God bless you, God bless you" रटते रहते हैं, क्या सही मे इनका गॉड Bless (आशिर्वाद) देता हैं?
अगर पादरियों का कच्चा-चिट्ठा समझना हो तो बाइबल के पन्ने पलटते जाओ, और एक बार आपने पूरी बाइबल पढ़ ली तो मै विश्वास से कहता हूँ कि कोई भी पादरी आपसे बहस नही करेगा!
पादरियों के God (ईश्वर) को ही बाइबल के पहले भाग (Old testament) मे 'यहोवा' कहा गया है! वास्तव मे बाइबल का पहला भाग यहूदियों की धार्मिक किताब 'तौरात' है, और इसी तौरात पर लगभग 80% कुरान भी आधारित है!
हालाकिं तौरात यहोवा (ईश्वर) को कुरान के अल्लाह की तरह निराकार तो नही मानती, क्योंकि उत्पत्ति-18 मे साफ लिखा है कि यहोवा इब्राहिम के साथ बैठकर बछड़े का मांस खाते थे!
खैर अब आते है असल मुद्दे पर..
तौरात मे एक और महापुरुष का नाम आता है जिन्हे 'लूत' कहते हैं!
लूत को मुसलमान भी अपना नबी मानते हैं और कुरान मे भी इनका जिक्र है!
कुरान का मानना है कि पूर्वकाल मे लोग पुरुष-मैथुन करने लगे थे, अर्थात लोग समलैंगिक (Homosexual) हो गये थे, तब अल्लाह ने हजरत लूत को नबी बनाया और उनके माध्यम से इन कुप्रथा को बन्द करवाया!
कुरान मे इसका वर्णन भी है---
कुरान-7/80-81 मे लिखा है--
"और हमने लूत को भेजा। जब उसने अपनी क़ौम से कहा। क्या तुम स्पष्ट निर्लज्जता के कर्म करते हो जो तुमसे पहले संसार में किसी ने नहीं किया। तुम महिलाओं को छोड़कर पुरुषों से अपनी इच्छापूर्ति करते हो। बल्कि तुम सीमा से आगे बढ़ने वाले लोग हो।"
कुरान-27/54-55 मे लिखा है--
"और लूत को जब उसने अपनी क़ौम से कहा, क्या तुम अश्लीलता करते हो और तुम देखते हो। क्या तुम पुरुषों के साथ वासना तृप्ति करते हो, महिलाओं को छोड़कर, बल्कि तुम लोग नासमझ हो।"
कुरान-26/165-166 मे भी लिखा है--
"क्या तुम संसार वालों में से पुरुषों के पास जाते हो। (166) और तुम्हारे पालनहार ने तुम्हारे लिए जो पत्नियाँ पैदा की हैं उनको छोड़ते हो, बल्कि तुम सीमा का उल्लंघन करने वाले लोग हो।"
इन आयतों से यह साफ है कि लूत के जमाने मे लोग पुरुष-गुदा मैथुन करते थे, जिसे लूत ने बन्द करवाया!
अब जरा लूत की भी जीवनी सुने--
तौरात उत्पत्ति-19/12-37 मे लूत के बारे मे लिखा है कि लूत ने शराब पीकर अपनी दो सगी बेटियों से सम्भोग किया और बच्चे पैदा किये!
ईसाइयों का मानना है कि लूत ने यह कुकर्म शराब के नशे मे किया, तो आखिर उस समय लूत का परमेश्वर यहोवा कहा था?
क्यों यहोवा परमेश्वर ने अपने नबी को ऐसे कुकर्म करने से नही बचाया?
दूसरी बात लूत की बड़ी बेटी ने जब पहली रात मे लूत को शराब पिलाकर कुकर्म करवाया तब भी लूत नही सम्भले और अगली रात उनकी छोटी बेटी ने भी उनसे अपना मुँह काला कर लिया!
जरा सोचो कि यहोवा का प्यारा नबी शराब के नशे मे धुत होकर अपनी ही पुत्रियों के सम्भोग करता रहा और यहोवा ने उफ् तक नही की!
लूत आये थे अपनी कौम को समलैंगिकता के पाप से बचाने, और खुद ही पुत्री-मैथुन का पाप कर बैठे...
हांलाकि यह घटना बाइबल मे है, पर चालाक अरबियों ने इसे कुरान मे नही लिखा! तौरात को कॉपी करके अरबियों ने कुरान बना लिया और बाद मे कह दिया कि तौरात मे मिलावट हो गयी है!
खैर अब यहोवा के एक और नबी की बात करते हैं, इन महापुरुष का नाम यहूदा (Juda) है, और इन्ही यहूदा के नाम पर यहूदी (Jews) धर्म बना है!
यहूदा के तीन बेटे थे एर, ओनान और शेला! बड़े बेटे एर का विवाह 'तामार' नामक महिला से हुआ था, पर एर यहोवा के नियम नही मानता था, इसलिये यहोवा ने उसे मार दिया और तामार विधवा हो गयी!
फिर एक दिन यहूदा ने अपने दूसरे बेटे ओनान से कहा कि- 'तू अपनी भाभी तामार के पास जा और उससे सम्भोग करके संतान पैदा कर तथा अपना देवर धर्म निभा'
यहाँ यह सोचने वाली बात है कि हिन्दुओं मे अगर 'नियोग' होता था तो यहूदी भी करते थे, और यहूदा ने अपने बेटे ओनान को उसकी भाभी से नियोग करने के लिये ही भेजा था!
खैर ओनान ने अपने पिता यहूदा की बात नही मानी और भूमि पर ही अपना वीर्य गिराकर वापस आ गया! इससे परमेश्वर यहोवा फिर नाराज हो गये और उन्होने ओनान को भी मार दिया!
कुछ दिनों बाद यहूदा कि बहू तामार अपना मुँह ढ़ककर यहूदा के पास आयी, और यहूदा उसे पहचान न सका तथा उससे सहवास करके एक संतान पैदा कर दी!
यह पूरा वृतात्त बाइबल उत्पत्ति-38/1-29 मे लिखा है!
अब जरा सोचो कि यहूदा का बड़ा बेटा एर यहोवा के नियम नही मानता था इसलिये यहोवा ने उसे मार दिया!
मझला बेटा अपनी भाभी से कुकर्म नही किया इसलिये यहोवा ने उसे भी मार दिया, और जब अन्त मे खुद यहूदा अन्जाने मे तामार से मुँह काला कर रहे थे तब यहोवा ने यहूदा को नही बताया कि यह तुम्हारी ही बहू है!
असल मे ये सारे लोग कुकर्मी थे, जो अपनी बहू और बेटियों से कुकर्म करते थे, फिर जब इनके चमचो ने इनकी जीवनी लिखनी शुरू कि तब इनकी इज्जत बचाने के लिये पर्दापोशी की गयी कि "वो नशे मे थे, उन्हे होश नही था! जो भी हुआ वह अन्जाने मे हुआ"
अरे भाई! जब ये लोग हमेशा ईश्वर के सम्पर्क मे थे, तो जब लूत की बेटियों ने और यहूदा की बहू ने छल से इनसे सहवास कर रही थी तब ईश्वर इन्हे सचेत करने क्यों नही आया?
ये सब पादरियों की मूर्ख बनाने की कोशिश मात्र है, ऐसी चीजे उठाकर धूर्त पादरियों के मुँह पर मारो...
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