बुद्ध
क्या बुद्ध विष्णु के अवतार थे बहुतायत से ऐसे लोगों की संख्या विश्व में व्याप्त है, जो बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार मानते हैं | वहीँ कई ऐसे लोग हैं, जो बुद्ध को भगवान का अवतार स्वीकार ही नहीं करते | अस्तु, प्रथम तो हम बुद्ध शब्द पर ध्यान देते हैं | बुद्ध का शाब्दिक अर्थ है, जागृत होना, सतर्क होना तथा जितेन्द्रिय होना | वस्तुतः बुद्ध एक व्यक्तिविशेष का परिचायक न होकर स्थितिविशेष का परिचायक है | वर्तमान समय में बुद्ध शब्द का व्यापक प्रयोग राजकुमार सिद्धार्थ के परिव्राजक रूप के लिए किया जाता है | हमारे धर्मग्रन्थ तथा ऋषियों ने इस सन्दर्भ में क्या कहा है, इस बात की चर्चा आज हम करेंगे | सनातन धर्म की प्रवृत्ति प्रारम्भ से ही बड़ी उदार है | हमारे यहाँ किसी भी विषय, सिद्धांत और मत पर व्यापक चर्चा एवं विमर्श का स्थान उपलब्ध है | इसीलिए हमारे धर्मशास्त्रों में एक अंग दर्शनग्रन्थ का भी है | दर्शन का अर्थ है, देखन | यहाँ दर्शन का अर्थ है, धर्म को देखने का नजरिया | आस्तिक दर्शन और नास्तिक दर्शन, दोनों की व्यवस्था हमारे यहाँ की गयी है, क्योंकि यदि अन्धकार न रहे तो प्रकाश की परवाह कौन करे ? अज्ञ...