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Showing posts from December, 2020

ईसाई दयानंदियो

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 #मूलशंकर_और_शैतानी_मण्डली◆◆◆ वैश्विक शैतानी शक्तियों को भारत  में शैतानी मण्डली के लिए मोहरे की तलाश थी.आस्तिकता से हताश निराश दयानंद नामक मोहरा उन्हें मिल ही गया.       दयानन्द को इस शैतानी मण्डली का पिट्ठू बनाया गया. अब दयानंद एक FREEMASON था. ‘MASONIC शैतान’ माने जाने वाले हेनरी स्टील ओल्काट और मैडम हेलेना ब्लाव्स्की ने 1875 में दयानंद और अपने कई प्लांटेड चेले चपाटों के साथ मिलकर ‘आर्य समाज’ की स्थापना की, आर्य समाज की स्थापना भारत के किसी धार्मिक केंद्रों के बजाय मुंबई में हुयी, जो कि FREEMASONS का केंद्र भी हुआ करता था               ज्यादातर लोग जानते होंगे 1870 के दशक में मुंबई से थोड़ी दूर पर स्थित ‘कार्ला की रहस्यमय गुफायें’ जिसे आजकल ‘KARLA CAVES’ कहा जाता है, तांत्रिक शैतानों का अड्डा हुआ करती थीं, कार्ला गुफाओं के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह तंत्र मंत्र और सिद्धियों के लिए बेहतरीन जगह है जहाँ ऐसे कार्य जल्दी सिद्ध होते हैं,कार्ला गुफाओं में MASONS ने ऐसे कई ‘टेलिपैथी मास्टर्स’ INSTALL किये गये थे जिनके जरिये भार...

पाखंडी दया

 😂😂😂😂 एक बालक जिद पर अड़ गया बोला की "मिर्ची" खाऊंगा. घरवालों ने बहुत समझाया  पर नहीं माना !! हार कर उसके गुरु जी को बुलाया गया।  वे जिद तुड़वाने में महारथी थे... गुरु के आदेश पर "मिर्ची" मंगवाई गई. उसे प्लेट में परोस बालक के सामने रखकर गुरु बोले,   ले ! अब खा. बालक मचल गया.. बोला- "तली हुई खाऊंगा.." गुरु ने "मिर्ची"  तलवाई और दहाड़े, "ले अब चुपचाप खा.." बालक फिर गुलाटी मार गया और बोला, आधी खाऊंगा... "मिर्ची"  के दो टुकड़े किये गये..  अब बालक गुरुजी से बोला, पहले आप खाओ..तभी मैं खाऊंगा गुरु ने आंख नाक भींच किसी तरह आधी "मिर्ची" निगली. गुरु के "मिर्ची" निगलते ही  बालक दहाड़ मार कर रोने लगा  की आप तो वो टुकड़ा खा गये  जो मुझे खाना था.. गुरु ने धोती सम्भाली और  वहां से भाग निकले, करना-धरना कुछ नहीं, नौटंकी दुनिया भर की. वो ही बालक बड़ा होकर *"पाखंडी दयानद"* के नाम से मशहुर हुआ, और अब जिद्द पकड़ रखी है   *.उसके नियोगी चेलो ने उस बालक को महर्षि घोसित करने की..* 😂😂😂😂😂😂