मोक्ष
तो भई थोड़ा-सा ज्ञान मार्ग के बारे में भी जान लीजिए आप। देखिए, वेद ने तीन मार्ग बताएँ हैं- कर्म, ज्ञान, भक्ति। जितने भी कर्म-धर्म हैं उन सबका फल स्वर्ग ही तो है बस । ज्ञान मार्ग का फल मोक्ष है और भक्ति मार्ग का तो जानते ही हैं आप - भगवान❤ प्रथम :- ये जो ज्ञान मार्ग है ना , इसका अधिकारी मिलना ही दुर्लभ है , अधिकारी अगर मिल भी जाये तो वो मोक्ष प्राप्त कर ले ये तो और भी कठिन है। ज्ञान मार्ग का साधक होने के लिए ये सब 4 सम्पत्ति अत्यंत आवश्यक हैं 👇🏻👇🏻👇🏻 {{१. विवेक, २. वैराग्य, ३. शमादि षट्सम्पत्ति (शम, दम, श्रद्धा, उपरति, तितिक्षा और समाधान), ४. मुमुक्षुत्व}} •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• दूसरी समस्या ये है कि :- ज्ञान मार्ग में निराकार ब्रह्म की उपासना होती है। अब निराकार ब्रह्म का तो कोई स्वरुप होता नहीं इसलिये:- ""कहत_कठिन_समुझत_कठिन_साधत_कठिन_बिबेक।"" :- रामचरितमानस अर्थात- " ज्ञानी को ब्रह्म के बारे में बताना ही कठिन है फिर उसे समझना तो और ही अधिक कठिन है " इसके बाद ज्ञानी की क्लास गुरु शुरू करेगा( श्रवण) उसको वेदांत सूत्र का पहला सूत्र पढ...