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Showing posts from May, 2020

दयानद मंदबुद्धि

जब काशी शास्त्रार्थ में काशी के मूर्धन्य पंडितों के अग्रणी “स्वामी श्री विशुद्धानन्द जी महाराज” ने दुराग्रही स्वामी दयानन्द को शास्त्रार्थ में धूल चटाई :—-> स्वामी दयानंद ने अपना तार्किक उल्लू सीधा करने के लिए एक बार काशी में शास्त्रार्थ कर के सनातन धर्म को समाप्त करके सनातन धर्म के स्थान पर आर्य समाज की स्थापना कैअने के लिए काशी प्रयाण किया । काशी के दिग्गज पंडितों के समाख स्वामी दयानंद का काशी शास्त्रार्थ काशी नरेश महाराज ईश्वरीनारायण सिंह की मध्यस्थता में शास्त्रार्थ प्रारम्भ हुआ। इस शास्त्रार्थ के दर्श के तौर पर काशी नरेश के भाई राजकुमार वीरेश्वर नारायण सिंह, तेजसिंह वर्मा आदि प्रतिष्ठित व्यक्ति भी उपस्थित थे । इस शास्त्रार्थ में क्या हुआ देखें – सर्वप्रथम पं० ताराचरण तर्करत्न स्वामी जी से वाद आरम्भ करने को प्रस्तुत हुए। स्वामी दयानन्द ने प्रश्न किया यदि आप लोगों को वेदों का प्रामाण्य स्वीकार्य हो तो, वेदों में पाषाणादि मूर्तिपूजा का प्रमाण कहाँ है? प्रस्तुत करें। पं० ताराचरणजी ने वेदों की प्रामाणिकता को यथायोग्य रूप से स्वीकारते हुए भारतीय परम्परा के अनुसार वैदिक शास्त्रो...

ईश्वर और विज्ञान

*वैज्ञानिक दार्शनिक संवाद, दार्शनिक - अच्छा,  क्या आप शब्द प्रमाण को भी स्वीकार करते हैं? वैज्ञानिक - नहीं । हम शब्द प्रमाण को स्वीकार नहीं करते। दार्शनिक -  क्या आपने इलेक्ट्रॉन को आज तक कभी देखा है? वैज्ञानिक - नहीं देखा।  दार्शनिक - क्या आपने कभी प्रयोगशाला में इलेक्ट्रॉन पर कोई प्रयोग किया है? वैज्ञानिक - नहीं किया। दार्शनिक - इलेक्ट्रॉन में नेगेटिव चार्ज होता है या पॉजिटिव? वैज्ञानिक - नेगेटिव चार्ज होता है। दार्शनिक - जब आपने इलेक्ट्रॉन को आज तक प्रत्यक्ष भी देखा नहीं, और प्रयोगशाला में अनुमान प्रमाण से उस पर कोई प्रयोग भी नहीं किया, तो आपको कैसे पता चला कि इलेक्ट्रॉन में नेगेटिव चार्ज होता है? वैज्ञानिक - हमने विज्ञान की पुस्तकों में पढ़ा है। बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में परीक्षण करके बतलाया है, कि इलेक्ट्रॉन में नेगेटिव चार्ज होता है। दार्शनिक - तो इसका अर्थ है आपने बड़े बड़े वैज्ञानिकों के शब्दों को प्रमाण के रूप में मान लिया। *आपने उनके शब्दों को प्रमाण माना, यही तो शब्द प्रमाण है। फिर आप क्यों कहते हैं, कि हम शब्द प्रमाण को नहीं मानते।*...

अंधा कुँवा ईसाइयत

चर्च में फ़ादर के साथ क्रिश्चियनिटी और हिंदुत्व पर धार्मिक बहसः क्रिश्चियनिटी के गाल पर हिंदुत्व का थपेड़ा ****************************************** अभी कुछ महीने पहले ही नई यूनिट में ट्रान्सफर आया हूँ चूँकि पिछली यूनिट में कई लोगों ने मेरी छवि एक सांप्रदायिक कट्टर हिन्दू की बना दी थी और कुछ लोगों ने मुझे इस्लाम और क्रिश्चियनिटी विरोधी बता दिया था, सो इस यूनिट में मैं काफ़ी शाँत रहता था किसी भी धर्म पर मैं कोई भी बात नही करता था। मेरे साथ एक सीनियर हैं जो 4 साल पहले हिंदू से क्रिस्चियन में कन्वर्ट हुए हैं, वो दिन रात क्रिश्चियनिटी की प्रशंसा करते रहते और हिंदुत्व को गालियाँ देते रहते थे, चूँकि उन्हें मेरे बारे में कोई जानकारी नही थी और नाही उन्होंने मेरी हिस्ट्री पढ़ी थी। सो कल रविवार को बातों हिं बातों में उन्होंने मुझे क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट होने का ऑफ़र दे दिया और क्रिश्चियनिटी के फ़ायदे बताने लगे। मैं कई दिनों से ऐसे मौके की तलाश में था क्योंकि मेरे दिमाग में क्रिस्चियन कन्वर्शन वाले मुद्दे को लेकर बड़ा फ़ितूर चल रहा था, मैं उसके ज्ञान का लेवल जानता था मैं जानता था की उसे क्...