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सत्य

ऋक् मन्त्रों में इन्द्र-मरुत स्वरूप में हनुमानजी का अन्तर्भाव । *महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमित के संगी ।।* *कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुंडल केसा ।।* *हाथ बज्र औ ध्...